हिंदी दिवस 14 सितंबर
हर साल हिंदी दिवस 14 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन ही देवनागरी लिपि में
हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया गया था। साल 1953
में पहली बार हिंदी दिवस का आयोजन हुआ था।
तभी से यह सिलसिला बना हुआ है। हिंदी दिवस को मनाने का उद्देश्य हिंदी
भाषा की स्थिति और विकास पर मंथन को ध्यान में रखना है। देश में करीब 77 प्रतिशत से
भी ज्यादा लोग हिंदी बोलते हैं।
भारत की मुख्य भाषा हिंदी को कब मिली पहचान-
14 सितंबर 1949 को व्यौहार राजेंद्र सिम्हा के 50 वें जन्मदिन पर हिंदी को आधिकारिक भाषा (Official Language) के रूप में अपनाया गया और इसके बाद
प्रचार-प्रसार को आगे बढ़ाने के प्रयासों में तेजी आई. भारत के संविधान द्वारा 26 जनवरी 1950 को
यह निर्णय लागू किया गया था
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 (Article 343) के तहत देवनागरी लिपि (Devanagari Script) में
लिखी गई हिंदी (120 से अधिक भाषाओं में प्रयुक्त होने वाली लिपि) को आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया गया था .
सरकारी कार्यालयों और शिक्षण संस्थानों में 15 दिन तक हिंदी पखवाड़ा मनाया जाता है।
14 सितंबर 1949 को संविधान सभा की ओर से हिंदी को आजाद भारत की मुख्य भाषा का
दर्जा प्राप्त हुआ था। इसका उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 343 (1) में किया गया है। अनुच्छेद के
अनुसार भारत की राजभाषा ‘हिंदी’ और लिपि ‘देवनागरी’ है।
क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस-
हिंदी दिवस के मौके पर देशभर के स्कूलों, कॉलेज और शैक्षणिक संस्थानों में कई तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। हिंदी पूरे विश्व में चौथी सबसे ज्यादा बोली जाने
वाली भाषा है। वहीं दूसरी ओर भारत में अन्य कई भाषाएं विलुप्त हो रही हैं। जो चिंतन का विषय है।
ऐसे में हिंदी की महत्ता बताने और प्रचार-प्रसार के लिए हिंदी दिवस को मनाया जाता है।
गृह मंत्रालय ने 25 मार्च 2015 के अपने आदेश में हिंदी दिवस पर प्रतिवर्ष दिए जाने वाले दो पुरस्कारों
के नाम बदल दिए थे. 1986 में स्थापित इंदिरा गांधी राजभाषा पुरस्कार को बदलकर राजभाषा कीर्ति
पुरस्कार’ और राजीव गांधी राष्ट्रीय ज्ञान-विज्ञान मौलिक लेखन पुरस्कार को बदलकर राजभाषा गौरव
पुरस्कार कर दिया गया था.
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अभिव्यक्ति: बच्चों की कहानियां
पुस्तकालयाध्यक्ष
निकिता पटेल
केंद्रीय विद्यालय करीमगंज, असम
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